राहु की महादशा में केतु की अंतर्दशा का फल I ज्योतिषी विजय गोयल..

राहु की महादशा में केतु की अंतर्दशा का फल I ज्योतिषी विजय गोयल..

05-12-2024

राहु की महादशा में केतु की अंतर्दशा का फल जीवन में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। यह अवधि आपके करियर, स्वास्थ्य, रिश्तों और मानसिक स्थिति में कई बदलाव लाती है। ज्योतिष के अनुसार, राहु और केतु की दशाएं जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करती हैं। यदि आप इस समय के लाभ और चुनौतियों को समझना चाहते हैं, तो यह लेख आपकी मदद करेगा।

राहु की महादशा के लक्षण

राहु की महादशा के दौरान व्यक्ति कई मानसिक, भावनात्मक और भौतिक परिवर्तन महसूस कर सकता है। इस अवधि में तनाव और अस्थिरता मुख्य रूप से देखी जाती है। करियर में अचानक बदलाव, रिश्तों में टकराव और निर्णय लेने में कठिनाई इसके प्रमुख लक्षण हैं। राहु की महादशा में केतु की अंतर्दशा, आध्यात्मिकता और गहरी सोच के नए आयाम खोल सकती है।

ज्योतिषी विजय गोयल के अनुसार, इस समयावधि में कुंडली का सही विश्लेषण करके व्यक्ति इन परिवर्तनों को समझ सकता है और उन्हें संभाल सकता है।

राहु की महादशा के प्रभाव

राहु की महादशा जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती है। करियर में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव, नई नौकरियों और व्यापारिक अवसरों का आना आम है। साथ ही, स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ सकता है, जैसे तनाव, अनिद्रा और पेट से संबंधित समस्याएं।

रिश्तों की बात करें तो इस दौरान पुराने रिश्तों में तनाव आ सकता है, लेकिन नए संबंध भी बन सकते हैं। आर्थिक दृष्टि से राहु की महादशा कभी-कभी अप्रत्याशित लाभ देती है, खासकर जब राहु शुभ स्थिति में होता है।

राहु की महादशा से कुंडली में लाभ

हालांकि राहु को एक छाया ग्रह माना जाता है, लेकिन यह शुभ स्थिति में होने पर कुंडली में लाभ दे सकता है। तकनीकी और वैज्ञानिक क्षेत्रों में सफलता, विदेश यात्रा और आर्थिक मजबूती राहु की महादशा के कुछ सकारात्मक प्रभाव हैं।

जो लोग राहु की महादशा के दौरान धैर्य और समझदारी से काम लेते हैं, वे इस समय को अपने लिए लाभकारी बना सकते हैं। ज्योतिषी विजय गोयल के अनुसार, सही उपाय और ज्योतिषीय सलाह से राहु की महादशा का लाभ उठाना संभव है।

राहु की महादशा का उपाय

राहु की महादशा के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए ज्योतिषीय उपायों का सहारा लिया जा सकता है। इस दौरान हनुमान चालीसा का पाठ, काले तिल और उड़द का दान करना और राहु यंत्र की पूजा करना विशेष रूप से लाभदायक होता है।

रत्न धारण करने की बात करें तो गोमेद (हेसोनाइट) धारण करने की सलाह दी जाती है। इसे चांदी की अंगूठी में सही समय और दिन पर पहना जाना चाहिए। साथ ही, ध्यान और योग का अभ्यास भी मानसिक शांति और स्थिरता में मदद करता है।

राहु की महादशा का अंतिम चरण

राहु की महादशा का अंतिम चरण व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और शांति लेकर आता है। इस समय पुराने संघर्ष समाप्त होते हैं और मानसिक शांति का अनुभव होता है।

इस चरण के दौरान आर्थिक स्थिति स्थिर होती है और करियर में भी स्थायित्व आता है। ज्योतिषी विजय गोयल का मानना है कि राहु की महादशा का अंतिम चरण समझदारी और धैर्य से सामना करने पर जीवन में सकारात्मक परिणाम देता है।

निष्कर्ष: राहु की महादशा में केतु की अंतर्दशा का फल

राहु की महादशा में केतु की अंतर्दशा का फल आपके जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव डाल सकता है। इसका असर आपकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति और आपकी मेहनत पर निर्भर करता है। ज्योतिषी विजय गोयल के अनुसार, सही उपायों और परामर्श के माध्यम से आप इस अवधि को अपने लिए लाभकारी बना सकते हैं।

 

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Astrologer Dr Vijay Goel is a synonym to accuracy and precision. His predictions in astrology with an experience of over the last 20 years in Vedic astrology has paved way for several businesses and individuals to plan better for contingencies and adverse time in one’s life. With renowned customers like the Citi Bank, Rajasthan Patrika, Omaxe Group, DainikBhaskar, Shakun, Mukesh Exhibitions, Incense Media and ISKON Temple Jaipur, Pandit Vijay Goel continues to apply his knowledge by combining it with deep spiritual disciplines like Yoga and meditation.